
DAP Urea Price Good News: किसानों के लिए बहुत ही राहत देने वाली खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खेती के लिए डीएपी और यूरिया खाद की सरकार ने जारी की नई कीमतें। जैसा की आपको पता होगा की खेती-किसानी के लिए डीएपी (DAP) और यूरिया बहुत ही ज़रूरी खाद मानी जाती है। डीएपी में फॉस्फेट पाया जाता है, जो मिट्टी की उर्वरता (उपज देने की क्षमता) को बनाए रखने में मदद करता है। वहीं, यूरिया से फसल को ज़रूरी नाइट्रोजन मिलती है, जिससे पौधे हरे-भरे और मजबूत होते हैं। इसी वजह से सरकार हर साल किसानों को सब्सिडी (सरकारी छूट) देकर यह खाद उपलब्ध कराती है ताकि किसान भाइयों को महंगे दाम पर खाद ना खरीदनी पड़े। इस सब्सिडी के वजह से किसानों को काफी आर्थिक सहायता मिलती है है। निचे हमने इसके रेट के बारे में डिटेल जानकारी दी है आपसे अनुरोध है की ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ें।
डीएपी और यूरिया की वर्तमान कीमत क्या है
डीएपी (DAP) का 50 किलो बैग – 1350 रुपए
यूरिया (Urea) का 50 किलो बैग – 268 रुपए
अगर सरकार सब्सिडी न दे, तो डीएपी का दाम 4300 रुपए से भी ज्यादा हो सकता है। लेकिन किसानों को सब्सिडी मिलने की वजह से उन्हें यह बैग केवल 1350 रुपए में मिलता है। यानी सरकार की मदद से किसानों की जेब पर ज़्यादा बोझ नहीं पड़ता।
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किसानों को सब्सिडी क्यों दी जाती है
सरकार का मकसद है कि किसानों को खेती के लिए खाद सस्ती मिले। अगर यह सब्सिडी हटा दी जाए, तो खाद के दाम इतने बढ़ जाएंगे कि किसानों के लिए फसल उगाना महंगा हो जाएगा। इसीलिए सरकार हर साल या हर दो साल में न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना के तहत खाद के दाम तय करती है।
आप में से काफी लोग यह सोच रहे होंगे की ये एनबीएस (NBS) स्कीम क्या है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें की इसकी शुरुआत 1 अप्रैल 2010 से हो चुकी थी।
इसका उद्देश्य सिंपल है, किसानों को फॉस्फेटिक और पोटाश वाले उर्वरक (जैसे डीएपी, एमओपी आदि) सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना। सरकार बाजार की कीमत का कुछ हिस्सा खुद देती है (यानी सब्सिडी), ताकि किसान खाद सस्ते दामों पर खरीद सकें।
हर साल कितनी सब्सिडी की राशि तय की जाती है
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2025 खरीफ सीजन के लिए सरकार का बजट, सरकार ने 37,216.15 करोड़ रुपए की सब्सिडी इस बार तय की है। यह पिछले साल के रबी सीजन से 13,000 करोड़ रुपए ज्यादा है। इससे किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाएगा। इससे फसल की पैदावार भी अच्छी होगी।
डीएपी और यूरिया सब्सिडी से किसानों को फायदे
- खाद बाजार की कीमत से बहुत कम दाम पर मिलती है।
- खेती की लागत घट जाती है।
- फसल की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ती है।
- किसानों को खाद की कमी का डर नहीं रहता।
- खेती में स्थिरता और भरोसा बना रहता है।
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किसान भाई डीएपी और यूरिया कैसे खरीदें
आपकी जानकारी के लिए बता दें की डीएपी और यूरिया खरीदने के लिए कोई लंबी प्रक्रिया नहीं है। किसान अपने नजदीकी उर्वरक विक्रेता (डीलर) के पास जाकर खाद खरीद सकते हैं। खाद खरीदते समय किसान पहचान पत्र या आधार कार्ड दिखाना ज़रूरी होता है। कुछ राज्यों में सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल और किसान मोबाइल ऐप भी शुरू किए हैं, जहां से किसान सीधे ऑर्डर कर सकते हैं। इससे किसानों को समय पर खाद मिलती है और उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता।