
UP Outsourcing Good News: उत्तर प्रदेश के तमाम आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है, आपको पता होना जरुरी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को यूपी आउटसोर्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक़ अब से प्रदेश के सभी विभागों में आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती किए जाने वाले कर्मचारियों की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम उठाएगा, और सरकार द्वारा इसके गठन का आदेश जारी कर दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस सेवा निगम से गठन होने से जितने भी उत्तर प्रदेश से आउटसोर्स कर्मचारी हैं उनका शोषण नहीं होगा और न्युक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से होगी। आपको बता दें की पहले एजेंसी द्वारा लोगों को भर्ती किया जाता है जिसकी वजह से बहुत धांधली होता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा सारा काम पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
रिपोर्ट यह भी सामने आ रहा है की इस निगम के तहत कर्मचारियों को न्यूनतम 20 हजार और अधिकतम 40 हजार रुपये तक का मानदेय मिलेगा। साथ ही ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) और ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। हर महीने की 5 तारीख तक समय पर वेतन मिल जाएगा। अब से यूपी आउटसोर्स के लिए लोगों की भर्तियां लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होंगी।
यूपी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए चार श्रेणियां तय की हैं –
| श्रेणी | मानदेय (मासिक) | प्रमुख पद (उदाहरण) |
|---|---|---|
| श्रेणी-1 | ₹40,000 | डॉक्टर, अभियंता (AE व SDO), लेक्चरर और अन्य उच्च पद |
| श्रेणी-2 | ₹25,000 | जूनियर इंजीनियर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, टीचर, ट्रांसलेटर आदि |
| श्रेणी-3 | ₹22,000 | जूनियर असिस्टेंट, कंप्यूटर ऑपरेटर, पैरामेडिकल स्टाफ, ड्राइवर आदि |
| श्रेणी-4 | ₹20,000 | 8वीं–10वीं पास पद जैसे चौकीदार, माली, रसोइया, सफाई कर्मचारी, कुक आदि |
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक और महिलाओं को नियमानुसार आरक्षण और सभी सुविधाएं मिलेंगी। मातृत्व अवकाश, स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा अवकाश का लाभ भी कर्मचारियों को मिलेगा।
आउटसोर्स निगम की संरचना बड़ी और व्यवस्थित होगी
इसमें मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे, जबकि महानिदेशक सचिव की भूमिका निभाएंगे। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, सलाहकार समिति, मंडल और जिला स्तर की निगरानी समितियां भी होंगी। साथ ही कार्यकारी निदेशक, मैनेजर, वित्त नियंत्रक, डेटा एंट्री ऑपरेटर आदि कई पद शामिल रहेंगे।
इस फैसले से लाखों युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा। प्रमुख सचिव अमित घोष ने बताया कि इस निगम को कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पब्लिक लिमिटेड और गैर-लाभकारी संस्था के रूप में चलाया जाएगा। नियम तोड़ने या किसी भी अनियमितता की स्थिति में कर्मचारी की सेवा तुरंत समाप्त कर दी जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि आदेश जारी होने के दो महीने बाद से ही निगम के जरिए भर्तियां शुरू कर दी जाएंगी। इससे न सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित बनाया जा सकेगा।